जंजीर
#जंजीर
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
नई राहों पे कदम बढ़ाते,
कभी न रुकने का वादा निभाते।
धुआं छोड़ते, आग उड़ाते,
रास्तों को सीने से लगाते,
बढ़ रहे हैं अपनी मंज़िल को,
हर मुश्किल को कदमों में झुकाते।
ना कोई बेड़ी, ना कोई रोक,
हम हैं वो जो...
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
नई राहों पे कदम बढ़ाते,
कभी न रुकने का वादा निभाते।
धुआं छोड़ते, आग उड़ाते,
रास्तों को सीने से लगाते,
बढ़ रहे हैं अपनी मंज़िल को,
हर मुश्किल को कदमों में झुकाते।
ना कोई बेड़ी, ना कोई रोक,
हम हैं वो जो...