हे मालिक मेरे
हे मालिक मेरे, हे नाथ मेरे,
इतनी सी रहम करना।
जब भी छाए घन संकट के,
चरणों में जगह देना।
तुम जग के स्वामी हो,
जीवों के हो पालनहारे।
जब-जब घिर आए संकट,
दुखियों के बने तुम सहारे।
मेरी डूबती नइया को,
प्रभू पार लगा देना।
जब भी छाए घन संकट के,
चरणों में जगह देना।
तुम सा कोई दानी नहीं,
जग के तुम दाता हो।
निर्धन के सहारे तुम,
और...
इतनी सी रहम करना।
जब भी छाए घन संकट के,
चरणों में जगह देना।
तुम जग के स्वामी हो,
जीवों के हो पालनहारे।
जब-जब घिर आए संकट,
दुखियों के बने तुम सहारे।
मेरी डूबती नइया को,
प्रभू पार लगा देना।
जब भी छाए घन संकट के,
चरणों में जगह देना।
तुम सा कोई दानी नहीं,
जग के तुम दाता हो।
निर्धन के सहारे तुम,
और...