एक साया
एक साया....
एक चंचल सा साया मेरे ओर पास मंडराता रहता है.....
मैं जहां जाती हूं ना जाने क्यों पीछे पीछे आता रहता है......
मुझको क्यों इतना सताता है मुझको समझना आता है.....
मंदिर में जाऊं ध्यान लगाऊं ध्यान में भी उस साये का ख्याल आता रहता है.....
एक चंचल सा साया मेरे ओर पास मंडराता रहता है......
अगर मैं कभी दुखी हो जाऊं तो मेरा ध्यान भटकाने को अपने होने का एहसास दिलाता रहता है......
जब कहीं अकेले में वक्त बिताती हूं तो चोरी से आ कर के मेरे हाथों पर अपने हाथों का स्पर्श महसूस कराता है...
मानो यह कह रहा हो कि मेरी प्रिय सखी तुम अकेली नहीं हो मेरा साया हर वक्त तुम्हारे साथ रहता है....
एक चंचल सा साया मेरे ओर पास मंडराता रहता है....
एक दिन मैंने ठान लिया ये साया किसका है मैंने जान लिया.....
मेरे पूछे जाने पर उसने जवाब दिया की मैं तुम हूं और तुम मैं हूं इतना कहकर फिर उसने मेरी आत्मा को अपना मान लिया.....
by -Nandini
एक चंचल सा साया मेरे ओर पास मंडराता रहता है.....
मैं जहां जाती हूं ना जाने क्यों पीछे पीछे आता रहता है......
मुझको क्यों इतना सताता है मुझको समझना आता है.....
मंदिर में जाऊं ध्यान लगाऊं ध्यान में भी उस साये का ख्याल आता रहता है.....
एक चंचल सा साया मेरे ओर पास मंडराता रहता है......
अगर मैं कभी दुखी हो जाऊं तो मेरा ध्यान भटकाने को अपने होने का एहसास दिलाता रहता है......
जब कहीं अकेले में वक्त बिताती हूं तो चोरी से आ कर के मेरे हाथों पर अपने हाथों का स्पर्श महसूस कराता है...
मानो यह कह रहा हो कि मेरी प्रिय सखी तुम अकेली नहीं हो मेरा साया हर वक्त तुम्हारे साथ रहता है....
एक चंचल सा साया मेरे ओर पास मंडराता रहता है....
एक दिन मैंने ठान लिया ये साया किसका है मैंने जान लिया.....
मेरे पूछे जाने पर उसने जवाब दिया की मैं तुम हूं और तुम मैं हूं इतना कहकर फिर उसने मेरी आत्मा को अपना मान लिया.....
by -Nandini
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