इजहार- ए- मोहब्बत...!!
ये खुमार मुझ पर चढ़ा इश्क का है, तो इसे नजरअंदाज कर मैं खामोशी का जरिया क्यों बना रही हूं.....,
यह वक्त इज़हार- ए - मोहब्बत का हैं, तो इसे मैं छुपाकर दिल में क्यों दफना रही हूं ......,
जाहिर कर दू क्या? इस मोहब्बत के जज्बातों को.........,
वक्त रुकता नहीं ,बीत जाएगा, बेवजह इन हसीन पलों को मैं ऐसे ही क्यों ? गवा रही हूं.......!!
एक अजीब- सी बेचैनी है ,मेरे दिल के किसी कोने में, जो मुझे आज बड़ा सता रही है .....!!
परेशान हूं मैं इन मोहब्बत की बेवफा हरकतों से , जो ना जाने किसकी याद में मुझे आज इतना रुला रही है .....!!
कुछ शक सा होने लगा है मुझे मेरी चाहत पर....,
हाय... यह तो उसके दिल...
यह वक्त इज़हार- ए - मोहब्बत का हैं, तो इसे मैं छुपाकर दिल में क्यों दफना रही हूं ......,
जाहिर कर दू क्या? इस मोहब्बत के जज्बातों को.........,
वक्त रुकता नहीं ,बीत जाएगा, बेवजह इन हसीन पलों को मैं ऐसे ही क्यों ? गवा रही हूं.......!!
एक अजीब- सी बेचैनी है ,मेरे दिल के किसी कोने में, जो मुझे आज बड़ा सता रही है .....!!
परेशान हूं मैं इन मोहब्बत की बेवफा हरकतों से , जो ना जाने किसकी याद में मुझे आज इतना रुला रही है .....!!
कुछ शक सा होने लगा है मुझे मेरी चाहत पर....,
हाय... यह तो उसके दिल...