गजल -२
अपने जज्बातो को दबाए रखना...
गजल बना उसे महफिलो में न कहना...
ये जमाना है बेशरम बखुदा ....
इसके दिए इल्जाम न सहना....
तलबगारों की जो आँधी चले...
तो खुद को बचाना रेत सा उड न जाना..
बिछा हुआ है जाल सादगी का ..
बचना कहीं फंस न जाना ....
आशियां समंदर पर बना कर....
गीली मिट्टी सा ढह न जाना....
मुफलिसी है किसी अपने की....
देख खजाना तू बह न जाना....!!
#gajal #kuchalfaazkalamse #baat #jajbaat
गजल बना उसे महफिलो में न कहना...
ये जमाना है बेशरम बखुदा ....
इसके दिए इल्जाम न सहना....
तलबगारों की जो आँधी चले...
तो खुद को बचाना रेत सा उड न जाना..
बिछा हुआ है जाल सादगी का ..
बचना कहीं फंस न जाना ....
आशियां समंदर पर बना कर....
गीली मिट्टी सा ढह न जाना....
मुफलिसी है किसी अपने की....
देख खजाना तू बह न जाना....!!
#gajal #kuchalfaazkalamse #baat #jajbaat