6 views
अगर हम साथ हो पाते
अगर हम साथ हो पाते
तो शायद कुछ अलग होते
कुछ तुम मेहरबां होते
कुछ हम भी हसीन होते
रोज़ ही सुनाते नगमा प्यार का
यूँ कागज़ कलम से दिल न लगाते
रह रह कर काग़ज़ को आँसुओं से गीलाकर
कलम की स्याही को यूँही न सुखाते
काश तुम मेरे होते
तेरे मेरे सपने फिर अपने होते
© बावरामन " शाख"
तो शायद कुछ अलग होते
कुछ तुम मेहरबां होते
कुछ हम भी हसीन होते
रोज़ ही सुनाते नगमा प्यार का
यूँ कागज़ कलम से दिल न लगाते
रह रह कर काग़ज़ को आँसुओं से गीलाकर
कलम की स्याही को यूँही न सुखाते
काश तुम मेरे होते
तेरे मेरे सपने फिर अपने होते
© बावरामन " शाख"
Related Stories
13 Likes
2
Comments
13 Likes
2
Comments