...

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"कृष्ण जी को मिट्टी खाते देख यशोदा जी का डाट लगाना " 😇
"आसमा था बादलों से घिरा,
कान्हा का मुख था माटी से भरा,
माता यशोदा ने देखा ये सब जरा,
कान्हा से बोलीं मुख खोल तू ज़रा सा,
कान्हा ने ज्यों ही खोला अपने मुख को जरा,
माता यशोदा गिरी धरा पर जरा सा,
कान्हा ने बुलाया माया को ज़रा,
माता यशोदा को उठाया ज़रा,
माता यशोदा ने पूछा क्या हुआ था ,
मुझे बता तू जरा सा,
कान्हा ने बोला आप थोड़ा सा सो गईं थीं ज़रा सा,
आसमा था बादलों से घिरा,
कान्हा का मुख था माटी से भरा"!!!¡!🌟🦚

happy janmashtami 💫🧚