रंग
बेहद आसान है
इल्जामों की फ़ेहरिस्त
गुनाह खुद के छुपा कर
मन मुताबिक़ रहा
तो रेत का ढेर भी महल
वक्त और हालात वहीं
महलों में नींद अब नहीं
झुलसी हुई हरियाली
और आबो हवा नहीं
आस का दामन
जैसे चिथड़े हुआ
उमस भरा आसमान
और मन में जैसे जलजला
कहूं तो आख़िर किससे
कोई अपना है ही कहां
जिससे कभी मन लगा
वक्त पर रंग दिखा गया
© "the dust"
इल्जामों की फ़ेहरिस्त
गुनाह खुद के छुपा कर
मन मुताबिक़ रहा
तो रेत का ढेर भी महल
वक्त और हालात वहीं
महलों में नींद अब नहीं
झुलसी हुई हरियाली
और आबो हवा नहीं
आस का दामन
जैसे चिथड़े हुआ
उमस भरा आसमान
और मन में जैसे जलजला
कहूं तो आख़िर किससे
कोई अपना है ही कहां
जिससे कभी मन लगा
वक्त पर रंग दिखा गया
© "the dust"