बारिश और तेरा एहसास❤️
झिरमिर बरसते बादल और तेरा सौंधा ख्याल
पता नहीं कौन ज़्यादा भीगा जाता है मुझे
शुक्र है बारिशों में मेरे ये आंसू भी मिल जाते हैं
कि चाहकर भी कौन अलग कर पाता है इन्हें
महक जाती है मिट्टी बारिश के एक एक बूंदों से
याद तेरी आती है एहसास तेरा महका जाता है मुझे
खो जाता हूं मैं खुद को तुझ में कुछ इस क़दर कि
तू दूर सही मगर खुद से दूर नहीं कर पाता है तुम्हें
© विकास - Eternal Soul✍️
पता नहीं कौन ज़्यादा भीगा जाता है मुझे
शुक्र है बारिशों में मेरे ये आंसू भी मिल जाते हैं
कि चाहकर भी कौन अलग कर पाता है इन्हें
महक जाती है मिट्टी बारिश के एक एक बूंदों से
याद तेरी आती है एहसास तेरा महका जाता है मुझे
खो जाता हूं मैं खुद को तुझ में कुछ इस क़दर कि
तू दूर सही मगर खुद से दूर नहीं कर पाता है तुम्हें
© विकास - Eternal Soul✍️
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