उलझी बातों का जाल
पत्थरों से सवाल क्या करना
ज़िंदगी को मुहाल क्या करना
ख़ुश रहो अपने हाल में ही तुम
जान कर मेरा हाल क्या करना
आते दिन को सँवारने की सोच
जाते दिन पर मलाल क्या...
ज़िंदगी को मुहाल क्या करना
ख़ुश रहो अपने हाल में ही तुम
जान कर मेरा हाल क्या करना
आते दिन को सँवारने की सोच
जाते दिन पर मलाल क्या...