3 views
एक सपना अधूरा सा
एक सपना अधूरा सा
कुछ अधूरे से सपने,
कसकते रहते हैं
दिल के किसी कोने में।
तनहाई में मेरी,
बात करते हैं मुझसे,
पूछते हैं, अपने पूरे न होने की वजह।
समझाती हूं उनको
जिम्मेदारियां हैं अभी
उनके पूरा होने तक,
इंतजार करना होगा।
फिर एक दिन पूछने लगे वो,
इंतजार की हद क्या है,
मैं निरुत्तर सी बोलती हूं
थोड़ी देर और,पर अब,
जानने लगी हूं कि,
वो हद जीवन का
पूर्ण विराम ही है.........
नीरा 03.06.2020
कुछ अधूरे से सपने,
कसकते रहते हैं
दिल के किसी कोने में।
तनहाई में मेरी,
बात करते हैं मुझसे,
पूछते हैं, अपने पूरे न होने की वजह।
समझाती हूं उनको
जिम्मेदारियां हैं अभी
उनके पूरा होने तक,
इंतजार करना होगा।
फिर एक दिन पूछने लगे वो,
इंतजार की हद क्या है,
मैं निरुत्तर सी बोलती हूं
थोड़ी देर और,पर अब,
जानने लगी हूं कि,
वो हद जीवन का
पूर्ण विराम ही है.........
नीरा 03.06.2020
Related Stories
10 Likes
2
Comments
10 Likes
2
Comments