...

6 views

ग़ज़ल
किसको खोना किसको पाना देख लिया
हमने भी सबका याराना देख लिया

इससे ज़्यादा और क़यामत क्या गुज़रे
इन आंखों ने तेरा जाना देख लिया

अब तो दिल की एक नहीं सुनना मुझको
पहले दिल का कहना माना देख लिया

किसने आख़िर तेरा रस्ता रोका है
किसने तेरा बाहर आना देख लिया

'नाज़िर ' तुमने ख़ास नहीं कुछ कर पाया
कितना था ये दिल दीवाना देख लिया

शाबान नाज़िर-
© SN