...

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सपनों की जेब में
सपनों की जेब में उल्फ़त के सिक्के हैं
खनक से इनकी बड़े-बड़े धनवान फीके हैं

जानते हो बालम, बदला है आपने आलम
दोस्त स्वाभाविक, दुश्मन भी गले भींचे हैं

तमन्ना इंदु* की हमको पागलपन लगता है
मिल आपसे ब्रह्मांड कई कदमों के नीचे हैं

ज़रुर आप में कुछ न कुछ जादुई है
देखो ना बालू में भी धान के पौधे सींचे हैं

भगवान कसम हमें जन्म अगला चाहिए नहीं
आपने इसी जन्म सात जन्म के फोटो खींचे हैं।
© mohammadrk