‘ तेरी सुख़न में सुकून मेरी ’
जब रू-ब-रू तेरे सुख़न से हुई
तब सुकून मेरी सांसों को छुईं
जब रूख़ साथ तेरे पहलू में हुई
तब जी में दर्द न लहू को छुईं
जब ख़ुश-ग़वार पास महसूस...
तब सुकून मेरी सांसों को छुईं
जब रूख़ साथ तेरे पहलू में हुई
तब जी में दर्द न लहू को छुईं
जब ख़ुश-ग़वार पास महसूस...