...

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"तुझसा कोई नहीं"
बिन माँगे ही मिला है तू,
ख़ुदा ने खुशक़िस्मती बनाई है..!

तुझसा कोई नहीं दिलबर,
झलक तुझमें ही ख़ुदा की पाई है..!

तेरे संग ही जीवन सारा,
बिन तेरे ज़िन्दगी तन्हाई है..!

छाँव में छिपती धूप में खिलती,
तेरी यादों की परछाई है..!

तू सात वचनों की सच्चाई,
यही तुझमें अच्छाई है..!
© SHIVA KANT