...

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दुआओं में असर होगा
दुआओं में असर होगा,ना जाने कब किधर होगा
सुना कि,कोई गाता था,क़यामत की पहर होगा

मैं नेक बनना तो चाहता हूँ लेकिन बन नहीं पाया
मुझे डर है कि ,मुझमें नहीं इतना सबर होगा

मैंने अच्छे-बुरे सब ही करम छोड़े हैं उसके हाथ
मेरे बाहर और अंदर का भी सब जिसकी नज़र होगा

मुझे कुबूल हर सजा,अभी तो जी लूँ जीभर के
किसे मालूम कल जीवन ये अपना किस डगर होगा

© बदनाम कलमकार

#वरुणपाश