9 views
कलयुग
शहर की आबोहवा दुरुस्त नहीं है अब
लोगों ने बलवा अच्छे से सीख लिया है
धर्म ही तो मोक्ष की मंजिल का द्वार था
धर्मियों ने लगता है, ये द्वार तोड़ दिया है
बार-बार लेंगें जन्म और यहीं लड़ेंगे सब
पुनर्जन्म से पक्का रिश्ता जोड़ लिया है
गधे घोड़े कुत्ते बिल्ली सांप बिच्छु सब बनेगें
इंसान होकर भी तो यही सब बने फिरते हैं
पहले पुण्य से सुकून था अब पाप से है शांति
लूट खसौट बदला बर्बादी ही लाएगी अशांति
पाप वृत्ति में लिप्त मन खुद पापी हो जाएगा
घर जला कर किसी का कैसे सुकून आएगा
खलनायक को नायक माना जा रहा है जब
सीधे सच्चे लोगों को हम क्या समझें हैं अब
दुनिया में इंसानियत की क्या ये पहचान है?
कलयुग शायद इसीलिए इतना बदनाम है।
© PJ Singh
लोगों ने बलवा अच्छे से सीख लिया है
धर्म ही तो मोक्ष की मंजिल का द्वार था
धर्मियों ने लगता है, ये द्वार तोड़ दिया है
बार-बार लेंगें जन्म और यहीं लड़ेंगे सब
पुनर्जन्म से पक्का रिश्ता जोड़ लिया है
गधे घोड़े कुत्ते बिल्ली सांप बिच्छु सब बनेगें
इंसान होकर भी तो यही सब बने फिरते हैं
पहले पुण्य से सुकून था अब पाप से है शांति
लूट खसौट बदला बर्बादी ही लाएगी अशांति
पाप वृत्ति में लिप्त मन खुद पापी हो जाएगा
घर जला कर किसी का कैसे सुकून आएगा
खलनायक को नायक माना जा रहा है जब
सीधे सच्चे लोगों को हम क्या समझें हैं अब
दुनिया में इंसानियत की क्या ये पहचान है?
कलयुग शायद इसीलिए इतना बदनाम है।
© PJ Singh
Related Stories
20 Likes
12
Comments
20 Likes
12
Comments