कोई राह ऐसी ईजाद हो
के कोई राह ऐसी ईजाद हो
चित्त शांत और चेतना आजाद हो
मस्तिष्क पर अहंकार का भार
सोच संकुचित, खिन्न विचार
के कोई दवा नहीं इसका इलाज है
एकचित्त कर जो सैकड़ों आवाज हैं
आत्मा की खोज ही अब उपाय है
असत्य की चाहत असहाय है
चंचलता किसी कोने...
चित्त शांत और चेतना आजाद हो
मस्तिष्क पर अहंकार का भार
सोच संकुचित, खिन्न विचार
के कोई दवा नहीं इसका इलाज है
एकचित्त कर जो सैकड़ों आवाज हैं
आत्मा की खोज ही अब उपाय है
असत्य की चाहत असहाय है
चंचलता किसी कोने...