“एकांत”
एकांत का संसार
सालता है बारंबार
मगर उसका इंतज़ार
ज़िंदा रहता है हर बार
उसे आना नहीं
मुझे जीना...
सालता है बारंबार
मगर उसका इंतज़ार
ज़िंदा रहता है हर बार
उसे आना नहीं
मुझे जीना...