#journey of life
पूछा जो मैंने एक दिन खुदा से,
अंदर ये मेरा कैसा शोर है,
हँसा मुझ पर फिर बोला,
चाहतें तेरी कुछ और थी,
पर तेरा रास्ता कुछ और है,
रूह को संभालना था तुझे,
पर सूरत संवारने पर तेरा जोर है,
खुला आसमान,चांद, तारे चाहत है तेरी,
पर बंद दीवारों को सजाने पे तेरा जोर है,
सपने देखता है खुली फ़िज़ाओं के,
पर बड़े शहरों में बसने की कोशिश पुरजोर है....
अंदर ये मेरा कैसा शोर है,
हँसा मुझ पर फिर बोला,
चाहतें तेरी कुछ और थी,
पर तेरा रास्ता कुछ और है,
रूह को संभालना था तुझे,
पर सूरत संवारने पर तेरा जोर है,
खुला आसमान,चांद, तारे चाहत है तेरी,
पर बंद दीवारों को सजाने पे तेरा जोर है,
सपने देखता है खुली फ़िज़ाओं के,
पर बड़े शहरों में बसने की कोशिश पुरजोर है....