...

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नज़्म
एक ख्वाब अधूरा है
कोई कशिश मन में अभी जिंदा है
तेरा न होना भी मेरे लिए जैसे यूं है
मानो किसी फूल से निकलती खुशबू
मेरा राब्ता हर पल रहा तुमसे
तुमसे ही मैं मुकम्मल रहा
बाखबर रखा दुनिया को मैने
तुमने मुझे भी बाखबर रखा
किसी के ख्वाबों के...