समझ नहीं आती है
समझ नहीं आती है
क्या रखी है उसकी बातों में
जो नींद नहीं आती है
सारी की सारी रातों में
मन नहीं लगता है
पढ़ूं कुछ किताबों में
आंख खुली की खुली रह जाती है
देखती उनकी ख्वाबों में
यूं ही कट जाती हैं
रात ख्यालातों की बातों...
क्या रखी है उसकी बातों में
जो नींद नहीं आती है
सारी की सारी रातों में
मन नहीं लगता है
पढ़ूं कुछ किताबों में
आंख खुली की खुली रह जाती है
देखती उनकी ख्वाबों में
यूं ही कट जाती हैं
रात ख्यालातों की बातों...