आबाद है....
हर दिन सूरज चढ के ढलता है,
चाँद की चाँदनी मे आपका चेहरा दिखता है,
कभी कभी सोचते सोचते दिन खत्म हो जाता है,
कि आप गये हो कहाँ?और आओगे कब?
आप से कि हुई बहुत सी बाते तो बिसर गए,
पर आप से जुडी़ हर एक याद हमे याद है,
डाँटना,बहलाना,हँसना,रोना,कभी कभी गुस्सा होना,
रात को सपने मे आना,सुबह चले जाना,
खाली जिंदगी को भरकर खाली कर जाना,
आपके सपने हमारे पास है,और आप आज भी हमारे दिल मे आबाद है|
चाँद की चाँदनी मे आपका चेहरा दिखता है,
कभी कभी सोचते सोचते दिन खत्म हो जाता है,
कि आप गये हो कहाँ?और आओगे कब?
आप से कि हुई बहुत सी बाते तो बिसर गए,
पर आप से जुडी़ हर एक याद हमे याद है,
डाँटना,बहलाना,हँसना,रोना,कभी कभी गुस्सा होना,
रात को सपने मे आना,सुबह चले जाना,
खाली जिंदगी को भरकर खाली कर जाना,
आपके सपने हमारे पास है,और आप आज भी हमारे दिल मे आबाद है|