आबाद है....
हर दिन सूरज चढ के ढलता है,
चाँद की चाँदनी मे आपका चेहरा दिखता है,
कभी कभी सोचते सोचते दिन खत्म हो जाता है,
कि आप गये हो कहाँ?और आओगे कब?
आप से कि हुई...
चाँद की चाँदनी मे आपका चेहरा दिखता है,
कभी कभी सोचते सोचते दिन खत्म हो जाता है,
कि आप गये हो कहाँ?और आओगे कब?
आप से कि हुई...