...

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बैरागी
संसारिकता से विरक्त हूं
नहीं होना चाहता किसी का
सभी से त्वयत्
मोह के बंधन से मुक्त होना चाहता हूँ
बैराग धरण करना चाहता हूं
राग, काम और द्वेष से
अज्ञान के परिवेश से
सबसे अलग होना चाहता हूँ
मैं...