...

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घड़ी दो घड़ी
मिलना तेरा घड़ी दो घड़ी ही सही है जरूरी मेरी ज़िंदगी के लिए,
इश्क़ में तेरे डूबे हैं हम इस क़दर,बच निकलना मेरा है जरूरी नही,
हम तो मर ही गये हैं समझ लो सनम,सांस चलना न चलना जरूरी नही,
लाख सपने जो देखे हों मैने सनम हों वो पूरे न पूरे जरूरी नही,
जब से देखा है,चाहा है मैने तुझे,तू भी चाहे न चाहे जरूरी नही,
सजदा तेरा करूँ,तेरे दर पे मरूँ,सजदा तेरा करूँ, तेरे दर पे मरूँ,है जरूरी मेरी आशिकी के लिए,
मिलना तेरा घड़ी दो घड़ी ही सही है जरूरी मेरी ज़िंदगी के लिए,
इश्क़ में तेरे डूबे हैं हम इस क़दर,बच निकलना मेरा है जरूरी नही,
हाथ मेरे बंधे हैं बंधे इस तरह, जिम्मेदारी मेरी हैं ये मजबूरियां,
रस्ते खोजे भी देखे तुझे पाने के दूरियां यूँ नही हैं तेरे दरम्यां,
चाहते हैं तुझे हद से ज्यादा सनम,तू मिलेगी कभी दिल ने मांगी दुआ,
आज तक कोई भी छू न पाया सनम,जाने कैसे कहाँ तूने दिल को छुआ,
अक्स तेरा है आंखों में ऐसे बसा,कोई दिखता नही जैसे छाया धुआँ,
तू भी आये मिले,दिल की महफ़िल खिले,तू भी आये मिले, दिल की महफ़िल खिले,है जरूरी मेरी दिल्लगी के लिए,
मिलना तेरा घड़ी दो घड़ी ही सही है जरूरी मेरी ज़िंदगी के लिए,
इश्क़ में तेरे डूबे हैं हम इस क़दर,बच निकलना मेरा है जरूरी नही,
दिल में था जो मेरे मैन वो है कहा,अनमने ही सही तूने सब है सुना,
तेरे आने का कोई पता ही नही,इश्क़ मेरा हमेशा अधूरा रहा,
मां ले मेरी अंतिम यही चाह है,मैन तेरे लिए रंजोगम है सहा,
बातें मैन सुनी है सभी की सनम,जो भी जिसने यहां पे मुझे है कहा,
तू भी आये,भले कुछ भी मुझको कहे,तू भी आये,भले कुछ भी मुझको कहे,है जरूरी मेरी दिलकशी के लिए,
मिलना तेरा घड़ी दो घड़ी ही सही है जरूरी मेरी ज़िंदगी के लिए,
इश्क़ में तेरे डूबे हैं हम इस क़दर,बच निकलना मेरा है जरूरी नही, मिलना तेरा घड़ी दो घड़ी ही सही..........