जी भरकर जिऊंगा
और
मैं
जिऊंगा
जी
भरके
लाख
दुस्वारियां
हो
जीवन
में
इत्मीनान
से
बैठकर
सिऊंगा
और
मैं
जिऊंगा
जी
भरकर
परेशानियों
में
भी
मस्ती
तलासूंगा
जब
तक
ना
मिले
चैन
ना
पाऊंगा
और
मैं
जिऊंगा
जी
भरकर
गम
को
भी
खुशी
में
में
बदल
लूंगा
इस
जीवन
को
जिंदादिली
से
जिऊंगा
फिर
ना
मिलेगी
यह
जीवन
दोबारा
यही
सोचकर
पलपल
जिऊंगा
जिभरकर
जिऊंगा
© Sudhirkumarpannalal Pratibha
मैं
जिऊंगा
जी
भरके
लाख
दुस्वारियां
हो
जीवन
में
इत्मीनान
से
बैठकर
सिऊंगा
और
मैं
जिऊंगा
जी
भरकर
परेशानियों
में
भी
मस्ती
तलासूंगा
जब
तक
ना
मिले
चैन
ना
पाऊंगा
और
मैं
जिऊंगा
जी
भरकर
गम
को
भी
खुशी
में
में
बदल
लूंगा
इस
जीवन
को
जिंदादिली
से
जिऊंगा
फिर
ना
मिलेगी
यह
जीवन
दोबारा
यही
सोचकर
पलपल
जिऊंगा
जिभरकर
जिऊंगा
© Sudhirkumarpannalal Pratibha