...

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ना जाओ प्रिये
ना जाओ प्रिय अभी
है निशा अभी बाकी.....❤️

अधरो के पट अधखुले से
" हां ना" के बीच स्वर है अटके
ना जाओ प्रिय अभी
है निशा अभी बाकी......🌹

संकोच चरण में है ,प्रणय अभी तो
शेष अभी बहुत कुछ कहना बाकी
ना जाओ प्रिय अभी
है निशा अभी बाकी.......❤️

सिहर-सिहर जा रहा है तन
संग चाँद के प्रीत सफर है बाकी
ना जाओ प्रिय अभी
है निशा अभी बाकी......🌹

© ऋत्विजा