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किस्मत
#वर्णाक्षरमनोहारी
कितना सुंदर मौसम है, आज!
काश मेरे अपने होते मेरे साथ
कैसी किस्मत है मेरी, हाय
कष्ट, दुख दर्द और पीड़ा से भरी
कब तक तरसकर इंतजार करूं मैं
किस तरह ये भवसागर को पार करूं मैं
कभी तो ईश्वर मुझपर प्रसन्न होंगे
कांटो भरी जिंदगी गुलज़ार होगी
कहीं ना कहीं मेरे लिए खुशियां होगी
कीमती मुस्कानों से सजी दुनिया होगी
किसी की बेपनाह मोहब्बत साथ होगी
कशिश से भरी उसकी हर बात होगी
कुछ ऐसा हो जाएगी ख़ुदा की मेहरबानी
केवल फूलों सी महकेगी मेरी जिंदगानी
कितना सुंदर मौसम है, आज!
काश मेरे अपने होते मेरे साथ
कैसी किस्मत है मेरी, हाय
कष्ट, दुख दर्द और पीड़ा से भरी
कब तक तरसकर इंतजार करूं मैं
किस तरह ये भवसागर को पार करूं मैं
कभी तो ईश्वर मुझपर प्रसन्न होंगे
कांटो भरी जिंदगी गुलज़ार होगी
कहीं ना कहीं मेरे लिए खुशियां होगी
कीमती मुस्कानों से सजी दुनिया होगी
किसी की बेपनाह मोहब्बत साथ होगी
कशिश से भरी उसकी हर बात होगी
कुछ ऐसा हो जाएगी ख़ुदा की मेहरबानी
केवल फूलों सी महकेगी मेरी जिंदगानी
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