...

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तुम ऐसे मुस्कराओ मेरे हमसफर
"तुम ऐसे मुस्कराओ मेरे हमसफर,
काली रात में चांद की चांदनी बिखरे*

"तुम सावन बन आओ मेरे हमसफर,
प्यारी सी रूह तुम्हारी किरणों सी निखरे*

"तुम ऐसे पुकारो अधरों से मेरे हमसफर,
आवाज सुनके दिल तुमसे मिलने को तरसे*

"तुम ऐसे बाहों में जकड़ो मेरे हमसफर,
जकड़न देख दिल मेघा बन तुम पर बरसे*

"तुम ऐसे लिपट जाओ मेरे हमसफर,
लिपटन देख नजर तुमसे कभी ना फरसे*

*तुम ऐसे आओ मेरे संग मेरे हमसफर,
''पुष्प'' का आना 'मनोज' दिल को सरसे*

सरसे_सुकून
फरसे_छूटे

© Manoj Vinod-SuthaR