...

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प्रयागराज के सपने
आए हैं दिल में ख्वाब लिए
सभी के चेहरे गुलाबी हैं
मां बाप से कुछ ने वादे किए
कुछ खुद को बताते आते है

कुछ बनने की जो आग हैं ना
वो दिल में जगाते रहते है
ये जो घर के अपने लल्ला थे
यहां कोई नुक्स नही निकालते

कुछ भी हो ये प्रयागराज की
खूसबू सबको भाती हैं
सबको खीच ही लाती हैं
सबका दिल बहलाती है

हमको भी यह अपना ही लगे
मेरे दिल को एक सपना सा लगे