मौन अधर की बात.............✍🏻
मौन अधर की बात को समझाने चला हूं
मन के उन जज़्बात को समझाने चला हूं
मैं शिकायतों को निगाहों में यूं समेटा हुआ
आज खुद के हालात को समझाने चला हूं
मैं कोरे पन्नों को अश्कों से ऐसे भरने लगा हूं
मौन अधर की वारदात को समझाने चला हूं
मैंने ज़ख्मों को लफ़्ज़ों का गवाह बना लिया
आहिस्ता से तन्हा रात को समझाने चला हूं
मैं एहसासों को मन...
मन के उन जज़्बात को समझाने चला हूं
मैं शिकायतों को निगाहों में यूं समेटा हुआ
आज खुद के हालात को समझाने चला हूं
मैं कोरे पन्नों को अश्कों से ऐसे भरने लगा हूं
मौन अधर की वारदात को समझाने चला हूं
मैंने ज़ख्मों को लफ़्ज़ों का गवाह बना लिया
आहिस्ता से तन्हा रात को समझाने चला हूं
मैं एहसासों को मन...