...

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लाया हूँ
तुम्हे हँसाने मुस्कुराने के लिये,
कुछ फूल मैं बगीचे से चुरा लाया हूँ,

करने के लिए तुम्हारी अंधेरी जिंदगी मे रोशनी,
आसमाँ से कुछ तारें भी उधार लाया हूँ,

ये जो खामोशी का सूखा बसाया है तूने अपने दिल में,
भिगाने उसको "जाना" मोहब्बत का दरिया भी साथ लाया हूँ
© alfaaz_rohu_ke