...

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फिर ठहर जाओ🤝
मैं जब रोदु़ 😢 एक अहसास की!
शरकशी में...
तुम फिर से कहों!
मैं हूं!🤝
मैं रुकता हूं...
क्या हुआ बताओ💌
मैं..फिर नासमझ सी बातें करू
तुम फिर से मेरी बातों पर "मुस्कुराओ!
🤦🤭
वैसे ही हर रोज एक पहेली सुनाओ😕
इस आग में मैं! ख़ाक क्यूं होती रहूं

तुम भी तो थोड़ा झुलस जाओ🥺
मुझे फिर से बुलाओ उन.. उल्टे -सीधे नामो से!...
फिर से ख्यालों में मेरी तस्वीर बनाओ
!!
क्यूं तुम अब रुकते नहीं...
मेरी ज़िद पर फिर से ठहर जाओ...🥺
आज अब जरूरत हैं जब!
क्या हैं सही!कया हैं गलत ?
तुम"
सुनो मुझे फिर से समझाओ😢
मेरा करे ख्याल कोई गर
तुम फिर से जूठा चीड़ जाओ 😡
हो जाओ ना ज़माने से जुदा 🤗
मेरे दावो के "मुताबिक ...!!
तुम मेरी दर्द भरी हंसी 😂पर फिर
से खामोश हो जाओ..!!
रोक लो ना आज भी गलत राह से आज भी...
अपनी कसमें देकर
तुम उस जूठे रिश्ते के जूठे
बधन फिर निभाओ ...
रोकलो मुझे फिर से कोई बात बनाकर...
तुम हों शरीक अभी भी अहसास दिलाओ💌
सुनो ना"मैने तुम्हारे बाद कितनी गलतियां की
मुझे " ताने दो !
मुझे तमाशा बनाओ !!!
अब के ख़्वाब नहीं
तुम हकीकत बन कर आओ🥺
...