...

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फिर ठहर जाओ🤝
मैं जब रोदु़ 😢 एक अहसास की!
शरकशी में...
तुम फिर से कहों!
मैं हूं!🤝
मैं रुकता हूं...
क्या हुआ बताओ💌
मैं..फिर नासमझ सी बातें करू
तुम फिर से मेरी बातों पर "मुस्कुराओ!
🤦🤭
वैसे ही हर रोज एक पहेली सुनाओ😕
इस आग में मैं! ख़ाक क्यूं होती रहूं

तुम भी तो थोड़ा झुलस जाओ🥺
मुझे फिर से बुलाओ उन.. उल्टे -सीधे नामो से!...
फिर से ख्यालों में मेरी तस्वीर बनाओ
!!
क्यूं तुम अब रुकते...