...

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तनहाइयां
तनहाइयां मिली इस जहान मे।
उम्र गुजर रही है इंतजार में।
ख्वाबों का जहां बिखर सा गया।
किताबों के खाली पन्नों सा होता गया है।
खामोशियां अंदर शोर मचा रही है।
टूट रहा है कुछ अंदर ही अंदर।।
किसे अपना दर्द सुनाऊं । किसे अपने दर्द बताऊं। जो बीत रहा है
मुझ पर मैं जानू या दिल जाने...