अब की सोच
मोहब्बत के आड़ मे ,
करते गज़ब का कार्य है ।।
प्यार के चादर को ओढ़े ,
हवस का ये जाप करते।
तन से अच्छे, मन से गंदे ,
वस मे रहते काम के ।
शक्ल अच्छा, अक्ल बच्चा,
राह चलते भान मे।।
काम है सैतान के ,,
नाम है भगवान् के,,
हैवान जैसी सोच है ,,
और भगवान् की खोज है !!
प्यार होता एक से ,
करते ये अनेक से ,
कारण पूछे अगर कोई ,,
तो देते उदाहरण श्रीकृष्ण के !!
दिन मे रहते संत जैसे ,
रात रहते जाने कैसे !
तुम्ह भी हो अगर इन्ही जैसे ,,
तो त्यागो ये सब चाहे जैसे !!
हमारा क्या यही संस्कार था ,,
जो हमने आज अपना लिया !!
कर्तब्य मार्ग पर चलना था,,
तो मन को सारथी बना लिया! !
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करते गज़ब का कार्य है ।।
प्यार के चादर को ओढ़े ,
हवस का ये जाप करते।
तन से अच्छे, मन से गंदे ,
वस मे रहते काम के ।
शक्ल अच्छा, अक्ल बच्चा,
राह चलते भान मे।।
काम है सैतान के ,,
नाम है भगवान् के,,
हैवान जैसी सोच है ,,
और भगवान् की खोज है !!
प्यार होता एक से ,
करते ये अनेक से ,
कारण पूछे अगर कोई ,,
तो देते उदाहरण श्रीकृष्ण के !!
दिन मे रहते संत जैसे ,
रात रहते जाने कैसे !
तुम्ह भी हो अगर इन्ही जैसे ,,
तो त्यागो ये सब चाहे जैसे !!
हमारा क्या यही संस्कार था ,,
जो हमने आज अपना लिया !!
कर्तब्य मार्ग पर चलना था,,
तो मन को सारथी बना लिया! !
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