क्यों शर्मावों छो
खम्मा घणी राम राम सा
राजस्थान दिवस री मौकळी - मौकळी बधाई .......! म्हँ किरण कुमावत जयपुर आळी, आपरे सामी एक छोटी सी कविता लेर आई छूँ ।
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घणो करो अभिमान थे, गाथा बलिदाना री गावों छो
बडेरा की जियाँ इण माटी नें, देवा सी ध्यावों छो
निभाओ छो सगळा रीति रिवाज़, कदे ना बिसरावों छो
फेर बताओं मनैं क्यूँ अपणी बोली बोलण में थे शर्मावों छो
धोळी धोती कुर्तो पहन, साफा नें शान...