...

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लबों से चाहत का इज़हार
लबों से चाहत का इंज़हार भी कर नहीं
सकते
नज़रें तुम्हें देखना चाहती है उन्हें
रोक भी नहीं सकते
ये आंखे खुली हुई तेरे दीदार के लिए
जब तक तू नहीं आती बन्द भी नहीं कर सकते

बेहद सुंदर लग रहें झुमके तुम्हारे
तुमसे रिश्ते की बात भी नहीं कर सकते
माँ का ख्याल भी रखना मुझे
मंजनू जैसे हाल नहीं सकते

तेरी खूबसूरत बाहों में बेवाफाई के काटे न हो
पर तेरे घर की पड़ताल नहीं सकते

अब राज खुल जायेगा मेरे दिल का
अब देर तक आंसू आंखों में रोक नहीं सकते
तेरी कस्तूरी मेरे कपड़ों में लगी है
अब कभी कपडे़ नहीं बदल सकते


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