तुम गए हो जहां
तुम गए हो जहां
चहल पहल मौजूद है
या बिखरी पड़ी है नीरवता ?
संकेत देकर भ्रम को
मेरे मुक्त कर दो
गर हो बहुत तल्लीन
दो घड़ी विश्राम ले लो
तस्वीर तो बेहद
मुझे हर्षा रही है
नेत्र थे अविरल
कहीं टकरा रहे हैं
तुम अधिक आभास
भी देते नहीं
हर...
चहल पहल मौजूद है
या बिखरी पड़ी है नीरवता ?
संकेत देकर भ्रम को
मेरे मुक्त कर दो
गर हो बहुत तल्लीन
दो घड़ी विश्राम ले लो
तस्वीर तो बेहद
मुझे हर्षा रही है
नेत्र थे अविरल
कहीं टकरा रहे हैं
तुम अधिक आभास
भी देते नहीं
हर...