ये लड़के
यह लड़के भी न जाने ,
कहां से हिम्मत लाते हैं ,
ऊपर से कूल दिखने वाले ,
दिल में अरमान का बवंडर छुपाते हैं ,
यह लड़के भी न जाने.....
खुद कितनी तकलीफ में हो,
पर अक्सर हमारे आंसू पोछ जाते हैं ,
हमें सुरक्षित स्थान करके ,
खुद सड़कों की राह लेते हैं ,
यह लड़के भी ना ....
अपने छोटे से रूप में न जाने ,
कितने अनमोल किरदार निभाते हैं ,
जरूरत पड़ती है तो समय से पहले ,
अपने शौक को छोड़कर ,
जिम्मेदारियों में ढल जाते हैं ,
यह लड़के भी ना ,......
अपनी मां के जिगर के टुकड़े ये,
पर मां से दूर होते ही ,
ठोकर पर गिरकर संभलना सीख जाते हैं ,
मां के हाथ का निवाला खाने वाले ,
कभी भूखे पेट रहकर,
दिखावटी मुस्कान से मां का भी जी वहलाते हैं ,
यह लड़के भी न जाने ....
खुशगवार मौसम में दिल ,
इनका भी मचलता है पर ,
परिवार खातिर कठोर बन जिम्मेदारी ही बस निभाते हैं ,
चाहा जिसे अपनी जान से भी ज्यादा ,
परिवार खातिर उसके लिए अक्सर विलेन बन जाते हैं ,
यह लड़के भी न जाने .......
घर में मां और पत्नी के बीच तो ,
हमेशा ही सेतु बने रह जाते हैं ,
दोस्तों और रिश्तेदारों की कुछ ना सुने तो ,
अक्सर जोरू के गुलाम कहलाते हैं ,
यह लड़के भी न जाने .....
वाकई में यह थोड़ी अजीब से होते हैं ,
इतना जिम्मेदार होने के बावजूद भी ,
गैर जिम्मेदारी का लेबल ताउम्र लगाते हैं ,
यह सारी बातें बगैर शिकवे शिकायत ,
सारी उम्र हंसकर झेल जाते हैं ,
ये लड़के भी न जाने ........
कहां से हिम्मत लाते हैं ,
और एक खास बात ,
वादा और इमान के पूरे पक्के होते हैं ,
ये लड़के भी ना ता उम्र की दोस्ती ,
बहुत ईमानदारी से निभाते हैं ,
यह लड़के भी न जाने कहां से हिम्मत लाते हैं,
© Meeru #WritcoQuote #writcoapp #writco #writer #meerakumarmeeru #yqwriter #writersofinstagram #Boyslockerroom
कहां से हिम्मत लाते हैं ,
ऊपर से कूल दिखने वाले ,
दिल में अरमान का बवंडर छुपाते हैं ,
यह लड़के भी न जाने.....
खुद कितनी तकलीफ में हो,
पर अक्सर हमारे आंसू पोछ जाते हैं ,
हमें सुरक्षित स्थान करके ,
खुद सड़कों की राह लेते हैं ,
यह लड़के भी ना ....
अपने छोटे से रूप में न जाने ,
कितने अनमोल किरदार निभाते हैं ,
जरूरत पड़ती है तो समय से पहले ,
अपने शौक को छोड़कर ,
जिम्मेदारियों में ढल जाते हैं ,
यह लड़के भी ना ,......
अपनी मां के जिगर के टुकड़े ये,
पर मां से दूर होते ही ,
ठोकर पर गिरकर संभलना सीख जाते हैं ,
मां के हाथ का निवाला खाने वाले ,
कभी भूखे पेट रहकर,
दिखावटी मुस्कान से मां का भी जी वहलाते हैं ,
यह लड़के भी न जाने ....
खुशगवार मौसम में दिल ,
इनका भी मचलता है पर ,
परिवार खातिर कठोर बन जिम्मेदारी ही बस निभाते हैं ,
चाहा जिसे अपनी जान से भी ज्यादा ,
परिवार खातिर उसके लिए अक्सर विलेन बन जाते हैं ,
यह लड़के भी न जाने .......
घर में मां और पत्नी के बीच तो ,
हमेशा ही सेतु बने रह जाते हैं ,
दोस्तों और रिश्तेदारों की कुछ ना सुने तो ,
अक्सर जोरू के गुलाम कहलाते हैं ,
यह लड़के भी न जाने .....
वाकई में यह थोड़ी अजीब से होते हैं ,
इतना जिम्मेदार होने के बावजूद भी ,
गैर जिम्मेदारी का लेबल ताउम्र लगाते हैं ,
यह सारी बातें बगैर शिकवे शिकायत ,
सारी उम्र हंसकर झेल जाते हैं ,
ये लड़के भी न जाने ........
कहां से हिम्मत लाते हैं ,
और एक खास बात ,
वादा और इमान के पूरे पक्के होते हैं ,
ये लड़के भी ना ता उम्र की दोस्ती ,
बहुत ईमानदारी से निभाते हैं ,
यह लड़के भी न जाने कहां से हिम्मत लाते हैं,
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