बेचैन मन
ना दिन का पता
कब रात खत्म
हुआ जो अंधेरा तो शायद रोशनी खत्म,
सफलता मिली तो कर्मठ हुआ
असफल तो कामचोर कहलाया,
कोई...
कब रात खत्म
हुआ जो अंधेरा तो शायद रोशनी खत्म,
सफलता मिली तो कर्मठ हुआ
असफल तो कामचोर कहलाया,
कोई...