...

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नाराज
मेरी सारी खामियां गीन ली
मेरी कुछ कोशिशें भी चुन लेते।।

परवाह करते हैं बस अब जताते नहीं
इन होंठों पर अब बात आते नहीं।।

हालात कैसे भी हो गुनगुनाते है हम
तुम बिन भी जिंदगी बिताते हैं हम।।

छोड़ जाने की हजारों वजह दे दी,
रुक जाने की एक भी सुन लेते।।

ना चाह कर भी उनसे लगाव कर गए,
वो जिंदगी में आ के बदलाव कर गए।।

तू क्या सजा देगा मेरी किस्मत बदल कर,
जा तेरी खुशी को भी ठुकराते हैं हम ।।

खयाल रखते हैं तुम्हारा बस दिखाते नहीं हैं,
रोज देख लेते हैं तुम्हे बस नजर आते नहीं हैं।।

कहां मांगा था मैंने बहुत ज्यादा,बस गुस्से की
वजह को प्यार में बून देते,इतनी सी तो बात थी।।