Mazboor
#मजबूरी
कहने को तो धोखा भी मजबूरी है,
पर दोनों में जमीं आस्मां की दूरी है।
हर किसी का अपना अलग मिज़ाज है,
प्यार किसी को परेशानी किसी को जरूरी है।
खामोशी बेहतर है लफ्फाजी से अक्सर,
बेइंतहा बातें भी कभी कभी अधूरी है।
© Safar
कहने को तो धोखा भी मजबूरी है,
पर दोनों में जमीं आस्मां की दूरी है।
हर किसी का अपना अलग मिज़ाज है,
प्यार किसी को परेशानी किसी को जरूरी है।
खामोशी बेहतर है लफ्फाजी से अक्सर,
बेइंतहा बातें भी कभी कभी अधूरी है।
© Safar