आज़ाद
ग़र आपको लगता है कि आप आज़ाद नहीं हो
तो छोड़ दो वो गली जो पैरों में आपके जंजीरें बांधती हो।।
तोड़ दो वो पिंजरा
जिनमें से बंधन की महक आती हो।।
निकलों उन सड़कों से आजादी के और
शुरू कर दो एक द्वंद्व अपने और इस बंधन के बीच।।
कर लो शामिल उन हर रिश्ते को
जो तुममें रहते हुए भी तुम्हें आजाद रखते हैं।।
चुन लो उन गलियों को फ़िर से
जो आजादी के सिर्फ गीत सुनाते हैं।।
नहीं सुनते हैं और किसी की
सुनते हैं दिल की और मन को अपनी सुनाते हैं।।
चलते हुए रस्ते पर यूं ही
ऐसे हज़ारों आशिक मिल जाते हैं।।
आशियाने का गर पता ना हो तो
आसमा को चादर बनाते हैं।।
ऊंचाइयों का मन में देखकर ख्वाब
खुद अपने बुलन्दियों से जगमगाते हैं
चलते हैं अपने बनाए राह पर
और इस काम में न जाने कितने अपने पीछे छूट जाते हैं।।
रहें साथ सबके पर खुद अपने से आज़ाद हों
खुश मिजाज़ी का माहौल बनाएं
भले न अपने कोई साथ हों
मंज़िलों का छूटे ना हाथ चाहे कायनात खिलाफ़ हो
बस यूं ही निकलते जाएं रास्ते
और हम यूँ ही आज़ाद हों!!
© Princess cutie
तो छोड़ दो वो गली जो पैरों में आपके जंजीरें बांधती हो।।
तोड़ दो वो पिंजरा
जिनमें से बंधन की महक आती हो।।
निकलों उन सड़कों से आजादी के और
शुरू कर दो एक द्वंद्व अपने और इस बंधन के बीच।।
कर लो शामिल उन हर रिश्ते को
जो तुममें रहते हुए भी तुम्हें आजाद रखते हैं।।
चुन लो उन गलियों को फ़िर से
जो आजादी के सिर्फ गीत सुनाते हैं।।
नहीं सुनते हैं और किसी की
सुनते हैं दिल की और मन को अपनी सुनाते हैं।।
चलते हुए रस्ते पर यूं ही
ऐसे हज़ारों आशिक मिल जाते हैं।।
आशियाने का गर पता ना हो तो
आसमा को चादर बनाते हैं।।
ऊंचाइयों का मन में देखकर ख्वाब
खुद अपने बुलन्दियों से जगमगाते हैं
चलते हैं अपने बनाए राह पर
और इस काम में न जाने कितने अपने पीछे छूट जाते हैं।।
रहें साथ सबके पर खुद अपने से आज़ाद हों
खुश मिजाज़ी का माहौल बनाएं
भले न अपने कोई साथ हों
मंज़िलों का छूटे ना हाथ चाहे कायनात खिलाफ़ हो
बस यूं ही निकलते जाएं रास्ते
और हम यूँ ही आज़ाद हों!!
© Princess cutie