!!वह मां होती है!!
जो धूप में रहकर हमें छांव देती है,
खुद धरती पर सोकर हमें बिस्तर पर सुलाती है,जो खुद भूखी रहकर हमें खिलाती है,
!! वह मां होती है!!
जो अन्नत शक्तियों को धारण करती हैं,
जो हमें आत्मनिर्भर स्वावलंबी एवं कुशल बनाती है,जो हमारी सुरक्षा के लिए अपने ममत्व को बनाए रखती है,
!!वह मां होती है!!
जो स्नेह ममत्व की छांव में रखकर हमें सद्गुण,...
खुद धरती पर सोकर हमें बिस्तर पर सुलाती है,जो खुद भूखी रहकर हमें खिलाती है,
!! वह मां होती है!!
जो अन्नत शक्तियों को धारण करती हैं,
जो हमें आत्मनिर्भर स्वावलंबी एवं कुशल बनाती है,जो हमारी सुरक्षा के लिए अपने ममत्व को बनाए रखती है,
!!वह मां होती है!!
जो स्नेह ममत्व की छांव में रखकर हमें सद्गुण,...