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ख़्याल
तेरी बातें जो करता है दिल.. मुझे रात-रात भर जगाता है
रोशनी की तरह रहती है तू पास मेरे.. जब अंधेरा मुझे डराता है,
शाम ने जब पूछा मेरी तन्हाई का सबब
जाने क्यूँ होठों पे तेरा नाम आता है,
आईना भी देखकर आज़कल हमें
बेवज़ह यूँ ही जाने क्यूँ मुस्कुराता है,
मुहब्बत में जाने क्यूँ ऐसा होता है
क्यूँ अक़्सर हाथ आकर हाथों से छूट जाता है,
चलो चलते हैं एक बार फिऱ उसके ख़्वाबों में
देखूँ.. देर से आने की आज वो क्या बजह बताता है,
तेरी बातें जो करता है दिल.. मुझे रात-रात भर जगाता है
रोशनी की तरह रहती है तू पास मेरे.. जब अंधेरा मुझे डराता है!!
© All Rights Reserved
© बस_यूँ_ही
रोशनी की तरह रहती है तू पास मेरे.. जब अंधेरा मुझे डराता है,
शाम ने जब पूछा मेरी तन्हाई का सबब
जाने क्यूँ होठों पे तेरा नाम आता है,
आईना भी देखकर आज़कल हमें
बेवज़ह यूँ ही जाने क्यूँ मुस्कुराता है,
मुहब्बत में जाने क्यूँ ऐसा होता है
क्यूँ अक़्सर हाथ आकर हाथों से छूट जाता है,
चलो चलते हैं एक बार फिऱ उसके ख़्वाबों में
देखूँ.. देर से आने की आज वो क्या बजह बताता है,
तेरी बातें जो करता है दिल.. मुझे रात-रात भर जगाता है
रोशनी की तरह रहती है तू पास मेरे.. जब अंधेरा मुझे डराता है!!
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