...

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क्या लगता है तुम्हें
क्या लगता है तुम्हें,
ये शब्द ऐसे ही उतरते है
पन्नो पर..
सुनो ज़रा गौर से,

पहले एहसास करते है
फ़िर दर्द ए दिल पे काबू पाते है
तब जाकर कहीं अपने जख्म पर
मरहम लगाते हैं,
फिर जाके कहीं कलम उठाते हैं !!

हर वो पल तड़पता है,
जब कलम की स्याही से
मेरा हर दर्द पन्नो पे उतरता है,
और फिर जज्बात ए दिल
टुटकर बिखरता है!!

लोगो को कहीं खूबसूरत
तो कभी सारे शब्द साज लगते हैं,
क्या लगता है तुम्हें ये शब्द
ऐसे ही उतरते है पन्नो पर!



© hema singh __