इज़हार-ए -इश्क़
ना जाने क़्या जादू तेरी ये आंखे कर गयी
इक बात जुबां पे आते आते रह गयी
करना था इजहारे इश्क़ मोहब्बत का
इंकार के डर से होंसलों से बेईमानी हो गयी
औऱ फिर एक बार ये बात पुरानी हो गयी
© 𝖐𝖎𝖘𝖒𝖆𝖙
इक बात जुबां पे आते आते रह गयी
करना था इजहारे इश्क़ मोहब्बत का
इंकार के डर से होंसलों से बेईमानी हो गयी
औऱ फिर एक बार ये बात पुरानी हो गयी
© 𝖐𝖎𝖘𝖒𝖆𝖙
Related Stories