...

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Pagal Shayar
टूटे हुए धागे की तरह, कुछ ऐसी ही अपनी कहानी है ।
जुड़ तो गया फिर से लेकिन, गांठ की निशानी है ।
मिलने से लेकर ,,ये जुदा होने तक की कहानी है ।
मैं उसका दीवाना हूं , ओ किसी और की दीवानी है ।
यादों के रूप में सिर्फ ,,उसकी एक तस्वीर निशानी है ।
मेरा अधूरा किस्सा रहा ,, मगर उसकी पूरी कहानी है ।
मगर महसूस अभी भी होती है,ये कैसी इश्क की कहानी है ।
अब इन लम्हों में नही खोना ,,ये तो इन लम्हों की नादानी है ।
पहले अपना समझता था उसे ,,लेकिन अब ओ अनजानी है ।
भूल गया हर ओ लम्हा, जो मेरे इश्क की अधूरी कहानी है।
आज लिख रहा हूं राज ये, मगर ये बात तो बहुत पुरानी है ।
टूटे हुए धागे की तरह, कुछ ऐसी ही अपनी कहानी है ।
जुड़ तो गया फिर से लेकिन, गांठ की निशानी है ।