...

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#जज्बात
चांद के इंतजार में आसमानी सितारे बिखर गये ।
मिलने के अरमान दिल के छलनी से छंट गये ।।

बिखरी किरचियां समेटकर जीना दूरूह बन गया ।
मृगजल से जज्बात भी मृगतृष्णा में बदल गये ।।

मायूसी दिल पर इसकदर पल पल छा रही ।
सांसें उसांसों में उधार की जिंदगी गुजर रही ।।

© Bharat Tadvi