#जज्बात
चांद के इंतजार में आसमानी सितारे बिखर गये ।
मिलने के अरमान दिल के छलनी से छंट गये ।।
बिखरी किरचियां समेटकर जीना दूरूह बन गया ।
मृगजल से जज्बात भी मृगतृष्णा में बदल गये ।।
मायूसी दिल पर इसकदर पल पल छा रही ।
सांसें उसांसों में उधार की जिंदगी गुजर रही ।।
© Bharat Tadvi
मिलने के अरमान दिल के छलनी से छंट गये ।।
बिखरी किरचियां समेटकर जीना दूरूह बन गया ।
मृगजल से जज्बात भी मृगतृष्णा में बदल गये ।।
मायूसी दिल पर इसकदर पल पल छा रही ।
सांसें उसांसों में उधार की जिंदगी गुजर रही ।।
© Bharat Tadvi