...

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मेरी चाहत
आज मैं कुछ कहना चाहता हूँ,
मन की बात आपको बताना चाहता हूँ !
मैं प्रेम की फसल लहलहाना चाहता हूँ,
मैं घृणा की खरपतवार हटाना चाहता हूँ!!

पत्थरों की मार सहकर भी,
मैं झगड़ा मिटाना चाहता हूँ!
इस धरा पर प्रेम की वर्षा करके,
मैं सबके दिलों की आग बुझाना चाहता हूँ!!

इस जग में अब कभी न रावण हो; न कंस,
मैं बुराई का अंश सदा के लिए मिटाना चाहता हूँ!
दीप शिक्षा का जलाकर,
मैं अज्ञान अंधकार मिटाना चाहता हूँ !!

प्रचार-प्रसार करके विज्ञान का,
अंधविश्वास जगत से मिटाना चाहता हूँ!
हर युवा को हस्तकौशल सिखाकर,
मैं बेरोजगारी हटाना चाहता हूँ !!

सबको सिखाकर योग,
मैं सबको निरोग बनाना चाहता हूँ !
पढा़कर मानवता का पाठ,
मैं सबको सच्चा इंसान बनाना चाहता हूँ !!

सफल परीक्षण करके मेरे हौसलों का,
मैं सफलता के झंडे गाड़ना चाहता हूँ!
मैं हर मुश्किल का हल निकालना चाहता हूँ,
मैं दुश्मन का खेल बिगाड़ना चाहता हूँ !!

फलते-फूलते रहें मेरे सब अपने,
मैं सबका मंगल चाहता हूँ !
'सूरज' चाहता साकार हों मेरे सपने,
आप सभी प्रियजनों का आशीर्वाद चाहता हूँ !!
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
स्वरचित ✍️©सूरजशर्मा'मास्टरजी'
ग्राम-बिहारीपुरा, जिला-जयपुर, राजस्थान 303701
© Suraj Sharma'Master ji'